करवाचौथ 2020 - Karvachauth 2020
करवा चौथ हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। यह त्यौहार मुख्य भारत के पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान का पर्व है। यह कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। यह पर्व सुहागिन औरते मनाती हैं।करवा चौथ का व्रत भारतीय औरतों के द्वारा अपने पति की लम्बी आयु के लिए रखा जाता है। वही कुंवारी लड़कियां करवा चौथ का व्रत एक अच्छे वर की तलाश में रखती है। जहां सुहागिन इस व्रत में चंद्रमा की पूजा करती है तो वहीं, कुंवारी लड़कियां तारों को पूजती हैं। इस वर्ष 4 नवम्बर 2020 को करवा चौथ का पर्व मनाया जाएगा।इस त्यौहार मे सरगी और करवा (मिटटी के बर्तन ) का होना जरुरी होता है इसमें नियमो का भी पालन करना जरूरी होता है और सब कुछ नया पहनती है भगवान की पूजा भी करती है और बाद मे चाँद की पूजा करती है ।
करवा चौथ कब और क्यों मानते है - When and why do Karwa Chauth believe?
भारत मे यह बहुत खूबसूरत से मनाते है। यह त्योहार दशहरे और दिवाली के बीच मे आता है। यह त्योहार कृष्ण पक्ष और पूर्णिमा के चौथा दिन मे होता है इस दिन सुहागन औरतें व्रत रखती है। करवा चौथ के दिन सुहागन औरतें सूर्ये उदय होने से पहले नहाकर और पूजा की जगह को साफ रखती है। उसके बाद जो उनकी सास सरगी(फल और स्पेशल डिश ) देती है। उन्हें खाती है और सूर्ये उदय होने के बाद उनका व्रत शुरु हो जाता है। इस व्रत मे न ही फल खाते है,न ही पानी की एक बून्द भी नहीं पीते है। यह व्रत अपने पति के लम्बी उम्र के लिए और उनकी स्वस्थ के लिए करती है। इस दिन औरतें बहुत तैयार होती है। नए कपड़े ,मैचिंग की चूड़ी और सिंगार करती है। लेकिन पूजा के समय करवा और प्लेट भी तैयार करती है। उसके बाद शाम को पूजा मे शिव जी ,माता पार्वती जी और गणेश जी की पूजा होती है और कहानी भी होता है। पूजा समाप्त होने के बाद चाँद का इंतजार होता है। उस समय अपनी सास के लिए सिंगार का सामान तैयार करती है। जब चाँद निकल जाता है। तो चाँद की पूजा करने के बाद मे पति के हाथ से पानी पीती है और उनका व्रत पूरा होता है ।
करवा चौथ की पूजा करने की विधि - Method of worshiping Karva Chauth?
करवाचौथ की कथा गेंहु व चावल के दाने हाथ पर लेकर सुननी चाहिए। मिट्टी के करवे में गेहूं ढक्कन में चीनी, उसके ऊपर वस्त्र दक्षिणा, सुहाग सामग्री रखकर सास या जेठानी को रात में चंद्रमा उदय होने पर छलनी की ओढ़ में चंद्रमा का दर्शन करके अघ्र्य देना चाहिए।
क्या है करवा चौथ की कहानी - What is the story of Karva Chauth?
कुछ सालो पहले एक साहूकार के 4 लड़के और 1 लड़की थी और उसका नाम करवा था। उसने अपने पति के लिए व्रत रखी थी और उसी रात को उसके भाइयो ने बोला की आजा खाना खाले। तो उसने बोला की आज मेरा व्रत है। तो मे जब चाँद निकल जाएगा। तो मे उसकी पूजा करके खाना खा लूगी तो भाई ने भी इंतजार कर रहे थे। तो चाँद नहीं निकल रहा था। तो भाइयो ने सोचा की एक काम करके आता हूँ। तो एक भाई ने पहाड़ पर जाकर चाँद की पूजा करने लगा तो दूसरे भाई ने बोला की चाँद निकल गया है। तो उसने भी पूजा करके खाना खा ली और उसके बाद उसके पति की मरने की खबर आयी। तो उसने अपने पति को जलने के लिए नहीं भेजा और गांव से भर निकल के एक कुटिया मे चली गयी और फिर से उसने करवा चौथ का व्रत किया और प्रार्थना की उसके बाद उसका जिंदगी वापिस आ गया।इस लिए करवा चौथ मानते है।
कब है करवा चौथ का मुहूर्त - When is Karva Chauth's Muhurta?
करवा चौथ का तारीक = 4 नवम्बर 2020
चतुर्थी तिथि का समय = सुबह 03:24 (4 नवम्बर)
चतुर्थी तिथि समाप्त होने का समय = सुबह 05:14 बजे (5 नवम्बर )
करवा चौथ के पूजा का समय = शाम 05:47 से 07:04 बजे तक
चाँद देखने का समय = रात 08:31 बजे
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