• 11975 दृश्य
  • PDF

लक्ष्मी माता की आरती

लक्ष्मी जी की आरती

श्री महालक्ष्मी धन, समृद्धि और सौभाग्य की देवी हैं। ये भगवान विष्णु की पत्नी हैं। ये समुद्र मंथन के दौरान प्रकट हुई थीं। लक्ष्मी जी ने खुद ही भगवान विष्णु को अपने पति के रूप में चुना। ये क्षीर सागर में भगवान विष्णु के साथ निवास करती हैं। महालक्ष्मी को श्री के रूप में भी जाना जाता है। इनकी पूजा से धन, सुख, समृद्धि और शांति मिलती है। लक्ष्मी जी की पूजा खासतौर से दीपावली पर की जाती है, लेकिन वैभव लक्ष्मी व्रत, कोजागर पूर्णिमा, लक्ष्मी जयंती (फाल्गुन पूर्णिमा) लक्ष्मी पंचमी (चैत्र शुक्ल पंचमी ) और वरलक्ष्मी व्रत आदी त्यौहार भी लक्ष्मी पूजा के लिए मनाए जाते हैं। इनके अलावा शुक्रवार को भी लक्ष्मी जी का दिन मानकर इस दिन पूजा और आरती की जाती है। इनके व्रत और त्यौहारों के अलावा भी रोज सुबह शाम लक्ष्मीजी की आरती करनी चाहिए, लेकिन रोज नहीं कर सकते हैं तो गुरुवार और शुक्रवार को विशेष रुप से करें। 

आरती करने से पहले ये मंत्र बोलें

या श्री: स्वयं सुकृतिनां भवनेष्वलक्ष्मी: 
पापात्मनां कृतधियां हृदयेषु बुद्धि:।
श्रद्धा सतां कुलजनप्रभवस्य लज्जा 
तां त्वां नता: स्म परिपालय देवि विश्वम्॥

अर्थ - जो पुण्यात्माओं के घरों में स्वयं ही लक्ष्मीरूप से, पापियों के यहाँ दरिद्रतारूप से, शुद्ध अन्त:करणवाले पुरुषों के हृदय में बुद्धिरूप से, सत्पुरुषों में श्रद्धारूप से तथा कुलीन मनुष्य में लज्जारूप से निवास करती हैं, उन महालक्ष्मी को हम नमस्कार करते हैं। देवि! आप सम्पूर्ण विश्व का पालन कीजिये।

लक्ष्मी जी की आरती

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता॥

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता॥

दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता॥

तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता॥

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता॥

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता॥

शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता॥

महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता॥

कैसे करे  लक्ष्मी जी को प्रसन

देवी लक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी हैं और कमल पर विराजमान हैं। देवी लक्ष्मी की पूजा करने से मनुष्य के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। घर में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है। इससे व्यक्ति को समाज में सम्मान और प्रसिद्धि मिलती है। इसलिए महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए पूजा में निम्न मंत्रों का जाप करें।

India's Top Astrologers Online - Live Astrology Consultation

India's Famous Astrologers, Tarot Readers, Numerologists on a Single Platform. Call Us Now. Call Certified Astrologers instantly on Dial199 - India's #1 Talk to Astrologer Platform.  Expert Live Astrologers. 100% Genuine Results.