आइए जानते हैं कि 2021 में दुर्गा विसर्जन कब है व दुर्गा विसर्जन की तारीख व मुहूर्त क्या रहेगी। दुर्गा पूजा उत्सव का समापन दुर्गा विसर्जन के साथ होता है। विजयदशमी तिथि शुरू होने पर दुर्गा विसर्जन मुहूर्त सुबह या दोपहर से शुरू होता है। इसलिए प्रात: कालया अपराह्न काल में जब विजयादशमी तिथि व्याप्त हो, उस समय मां दुर्गा की मूर्ति का विसर्जन करना चाहिए। कई वर्षों से विसर्जन सुबह के समय में किया जाता रहा है, लेकिन यदि श्रवण नक्षत्र और दशमी तिथि दोपहर में एक साथ व्याप्त हो, तो यह समय दुर्गा मूर्ति विसर्जन के लिए सबसे अच्छा है। देवी दुर्गा के अधिकांश भक्त विसर्जन के बाद ही नवरात्रि के उपवास को खोलते हैं। विजयादशमी का त्योहार दुर्गा विसर्जन के बाद मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान राम ने राक्षस राजा रावण का वध किया था। देवी दुर्गा ने इसी दिन राक्षस महिषासुर का वध किया था। दशमी के दिन शमी पूजा, अपराजिता पूजा और सीमा अवलंगण जैसी परंपराएं भी निभाई जाती हैं। हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार, इन सभी परंपराओं को दोपहर में मनाया जाना चाहिए।
सिंदूर उत्सव
दुर्गा पूजा के दौरान सिंदूर उत्सव पश्चिम बंगाल में मनाई जाने वाली एक निराली परम्परा है। विजयदशमी के दिन दुर्गा विसर्जन से पहले सिंदूर खेला का अनुष्ठान किया जाता है। इस अवसर पर, शादीशुदा औरते एक-दूसरे को सिंदूर लगाती हैं और उन्हें शुभकामनाएं देती हैं। सिंदूर उत्सव को सिंदूर खेला के रूप में भी जाना जाता है।