आइए जानते हैं कि नवपात्रिका पूजा 2021 में कब है और तारीख व मुहूर्त क्या रहेगी। महासप्तमी दुर्गा पूजा का पहला दिन है। इस दिन नवपत्रिका की पूजा करने का विधान है। नवपत्रिका को कलाबाऊ पूजा के नाम से भी जाना जाता है। बंगाल, असम और ओडिशा क्षेत्रों में नौ प्रकार की पत्तियों को मिलाकर दुर्गा पूजा की जाती है।
नवपत्रिका पूजा में नौ पत्तों का उपयोग किया जाता है उनमें हर एक पेड़ का पत्ता देवी के अलग-अलग नौ रूप माने जाते हैं। वे नौ पत्तियां हैं, केला, काचवी, हल्दी, अनार, अशोक, मनका, धान, बिल्व और जौ।
नवपत्रिका पूजा विधि
- महासप्तमी की पूजा महास्नान के बाद शुरू होती है, इसे कलाबाऊ स्नान कहा जाता है। महासप्तमी पर महास्नान करने से देवी दुर्गा की असीम कृपा होती है।
- नवपत्रिका पूजन में नौ पत्तों को एक साथ बांधकर स्नान कराया जाता है।
- महास्नान के बाद, नवपत्रिका को बंगाल की पारंपरिक लाल बॉर्डर वाली सफेद साड़ी होती है, इस पर रखकर सजाया जाता है।
- प्राण प्रतिष्ठा, महास्नान के बाद की जाती है। इसमें मां दुर्गा की मूर्ति को पूजा स्थल पर रखा जाता है।
- प्राण प्रतिष्ठा के बाद षोडशोपचार पूजा की जाती है। देवी दुर्गा की पूजा जल, फल, फूल, चंदन आदि अर्पित करके की जाती है। अंत में माँ दुर्गा की महाआरती होती है और प्रसाद बांटा जाता है।